...सन् 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान सिपाही श्री कालुराम जाखड़ अपनी रेजिमेन्ट -17 जाट के साथ जम्मू कश्मीर के कारगिल क्षेत्र में पिंप्पल पहाड़ी पर तैनात थे ,रेजिमेन्ट का लक्ष्य था-पिंप्पल पहाड़ी पर पुनः अधिकार करना , जहाँ पाकिस्तान के भाड़े के सैनिकों ने बंकर बना लिए थे ।
.....वहाँ पुनः कब्जा कर राष्ट्रीय ध्वज फहराने हेतु वीर भूमि राजस्थान का यह वीर आगे बढ़ा, भीम-सी जांघ फटकारी और अपनी मोर्टार संभाली, अनगिनत गोले बरसाये, देखते ही देखते पिंप्पल पहाड़ी पर 2 बंकर नष्ट कर दिये और कईं पाक सैनिकों को मार गिराया, अभी एक बंकर और शेष था, जवानों की टुकड़ी में विचार-विमर्श हुआ कि दुश्मन को चकमा दिया जाए ....और जवानों की एक टुकड़ी ने पाक की दिशा से पाक सैनिकों पर गोले बरसाने लगी, दुश्मन कुछ समझ पाते, उससे पहले भारत की तरफ से भी गोले आने लगे, तीसरे बंकर में छिपे बैठे पाक सैनिकों में कोहराम मच गया । अपनी जान जाती देख दुश्मनों ने अपने हथियार संभाल लिये और जवाब में हमला बोल दिया लेकिन भीम-से इरादों वाला वह वीर कहाँ रूकने वाला था, गोले पे गोले दागते रहा,.....इस बीच दुश्मन का एक गोला आया और वीर की जांघ पर लग गया, वीर की मुट्ठीयां भींच गई और भारत माता की जय बोलते हुए राकेट दागने शुरू कर दिये तत्पश्चात तीसरे बंकर से ''भागो-भागो '' की आवाजें आने लगी और 17 जाट रेजिमेन्ट ने पिंप्पल पहाड़ी पर पुनः अधिकार कर लिया, इसी बीच 4 जुलाई 1999 को 'ऑपरेशन विजय 'के दौरान अपने अद्भुत शौर्य का प्रदर्शन करते हुए इस रणबांकुरे ने अपना बलिदान दिया,
उनकी सैनिक कुशलता, साहस, कर्तव्यनिष्ठा एवं देशभक्ति के लिए भारत सरकार ने उन्हें ''बैज ऑफ सेक्रीफाईस" (मरणोपरांत )से सम्मानित किया ।
आपकी स्मृति में गाँव से जोधपुर जाने वाली मुख्य सड़क पर '' शहीद स्मारक '' बना हुआ है और गाँव के मुख्य चौक में '' मूर्ति स्थल '' बना हुआ है जहाँ मूर्ति का अनावरण भव्य समारोह के बीच तत्कालीन मुख्यमंत्री महोदय द्वारा 11 नवंबर 2002 को किया गया ।
आपकी स्मृति को चिरस्थायी बनाये रखने हेतु स्थानीय विद्यालय का नामकरण भी '' शहीद श्रीकालुराम जाखड़ रा.उ.मा. विद्यालय, खेड़ी चारणा ''किया गया है ।
....गर्व है हमें आपके शौर्यशाली बलिदान पर जो आज भी हम सब के लिए प्रेरणा स्त्रोत बना हुआ है ....
गाँव - खेड़ी चारणा,(भोपालगढ,जोधपुर ) जन्म -12/07/1974
सेना में नियुक्ति - 28/04/1994
शहीद तिथि -04/07/1999
पुनः शहीद कालुरामजी को शत् शत् नमन....जय हिन्द ....
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